Monday, 19 February 2024

"ऐ शराब पीने वालों”

ऐ शराब पीने वालों ,अब होश मे तो आवो !
अनमोल जिन्दगी को ,ऐसे ही ना गवांवो !!

पीते शराब तुम हो , मगर तुमको ये पीती रहती !
खुश हो रहे तुम , मगर. ये तुम पर ही जीती रहती !!

बोतल मे बन्द ये पर ,तुम नजर है इसकी !
मतवाली काली नागिन ,जैसी जहर है इसकी !!

ईंषान तुम थे तब तक, जब तक नही पिए !
हैवान बन गए हो,जब से इसे लिए !!

गुलशन सी जिन्दगी मे ,आग बन कर आई !
रोशन सी जिन्दगी मे, ये मौत बन कर छाई !!

कुछ बिगड़ा नही है अब भी ,अपने को तुम संभालो !
जहरीले प्याले को तुम ,अमृत रस से भर लो !!

मोहन की आरजू है, तुम ना बनो शराबी !
दिल से मेरी दुआ है, तुम्हे मिले कामयाबी !!
ऐ शराब पिने वालों.................

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com

२८/१२/१९९७ चन्द्रपुर(महाराष्ट्र)

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