तेरे द्वारे तिहारे बड़ी भीर,
दरश दे दो हमरी मइया....२
मेरी बिगड़ी बनादो तकदीर,
दरश दे दो हमरी मइया....२
तेरे द्वारे तिहारे बड़ी भीर....२
तेरे दरश के लिये लम्बी कतार है....२
तेरी बुलावें सब जय-जय कार है....२
नयनन मे श्रद्धा के नीर....
दरश दे दो हमरी मइया....२
तेरे द्वारे तिहारे बड़ी भीर....२
दूर-दूर से सब आवे नर-नारी....२
अमीर-गरीब-निर्धन-भिखारी.....२
सबके मन मे है बड़ी धीर....
दरश दे दो हमरी मइया....२
तेरे द्वारे तिहारे बड़ी भीर....२
तेरी मुरतिया सब दिल मे बसाके....२
मन चाहा वर सब कोई मांगे....२
तुम दुःखियन के हरती हो पीर....२
दरश दे दो हमरी मइया....२
तेरे द्वारे तिहारे बड़ी भीर....२
तुम्हें न चाहिये खीर व पकवान माँ...२
ना ही अभिलाषा है ऊंचे मकान की....२
बस चाहे तू श्रद्धा की भेंट....
दरश दे दो हमरी मइया....२
तेरे द्वारे तिहारे बड़ी भीर....२
हर कोई चाहे दरश तेरा माता...२
चरणों से जोड़े सब अपना नाता....२
तु तो सबकी बनाती तकदीर....
दरश दे दो हमरी मइया....२
तेरे द्वारे तिहारे बड़ी भीर....२
तेरे द्वारे तिहारे बड़ी भीर,
दरश दे दो हमरी मइया....२
मेरी बिगड़ी बनादो तकदीर,
दरश दे दो हमरी मइया....२
तेरे द्वारे तिहारे बड़ी भीर....२
मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
13-06-2002,thursday,09:30am,(513),
patna-ernakulam
expss train,near vijayavada.
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