Monday, 19 February 2024

जब सभी त्योहार खुशी से मनाये जाते थे

कभी वो भी जमाना रहता था,
जब सभी त्योहार खुशी से मनाये जाते थे
आपस मे दुश्मनी हो लेकिन,
पर दिल से गले लगाये जाते थे

पर आज त्योहार एक औपचारिकता से हो गए,
जो दिल से नही मनाये जाते
तरह-तरह के स्वादिष्ट पकवान,
पहले जैसे नही बनाये जाते

इन सब के पिछे शायद एक ही कारण है,
इस आग उगलती मंहगाई का
और लोगों के पास समय भी नही है,
जो आदर कर सकें पहुनाई का

गावों मे ये सब रीति- रिवाज,
अभी भी दखने को मिल जाते
पर भाग रही शहरी जींदगी मे,
ये कहीं-कहीं हैं नजर आते

शायद वो दिन दूर नही,
जब हम अपने रीति-रिवाज को भुलते जायेंगे
आने वाले त्योहारों को भी ,
बे-मन से उसे मनायेंगे

मोहन श्रीवास्तव (कवि)
www.kavyapushpanjali.blogspot.com
दिनांक-३१--२०१३,रविवार,

शाम-.४५ बजे,पुणे ,महा.

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